Shadi Vivah Muhurat: खरमास का समापन 15 जनवरी को होगा जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे. 14 जनवरी को सुबह 9:03 बजे मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा. इसके अगले दिन से शुभ कार्य जैसे विवाह और अन्य मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास के दौरान भगवान विष्णु और भगवान शंकर की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है.
खरमास क्या है?
खरमास या मलमास (Kharmas or Malmas significance) वह समय है जब सूर्य देव धनु राशि में रहते हैं और उनकी गति धीमी हो जाती है. इस अवधि में उनके तेज में कमी आती है, जिससे शुभ कार्य निषेध माने जाते हैं. यह आमतौर पर 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक रहता है.
शादियों के लिए शुभ मुहूर्त
2025 में शादियों के लिए 75 शुभ मुहूर्त (auspicious wedding dates in 2025) हैं. इनमें से कुछ अबूझ मुहूर्त जैसे बसंत पंचमी (2 फरवरी), अक्षय तृतीया (30 अप्रैल), और देवउठनी एकादशी (1 नवंबर) विशेष रूप से शुभ माने गए हैं. जुलाई, अगस्त, सितंबर, और अक्टूबर में विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं है.
जनवरी-दिसंबर तक विवाह के शुभ मुहूर्त
जनवरी: 16, 17, 18, 19, 20, 21, 23, 24, 26 और 27 जनवरी
फरवरी: 2, 3, 6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23 और 25 फरवरी
मार्च: 1, 2, 6, 7 और 12 मार्च
अप्रैल: 14, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29 और 30 अप्रैल
मई: 1, 5, 6, 8, 10, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 27 और 28 मई
जून: 2, 4, 5, 7 और 8 जून
नवंबर: 2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 और 30 नवंबर
दिसंबर: 4, 5 और 6 दिसंबर
सबसे बढ़िया मुहूर्त
अबूझ मुहूर्त (Abujh Muhurat in 2025) जैसे बसंत पंचमी, अक्षय तृतीया, और देवउठनी एकादशी पर विवाह का आयोजन बिना पंचांग देखे भी किया जा सकता है. यह दिन विशेष रूप से मांगलिक कार्यों के लिए अनुकूल माने जाते हैं.
धार्मिक महत्व और मान्यताएं
खरमास के दौरान शुभ कार्य रोक दिए जाते हैं (Kharmas restrictions on auspicious events) क्योंकि इस समय सूर्य देव की ऊर्जा कम होती है. इस अवधि में लोग पूजा, ध्यान और आध्यात्मिक साधना करते हैं. खरमास समाप्त होने के बाद, शुभ कार्यों का आरंभ होता है, जो समाज और परिवार के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.
2025 में विवाह सीजन की तैयारी
विवाह के लिए शुभ मुहूर्त (wedding season preparation in 2025) के अनुसार जनवरी से जून और नवंबर-दिसंबर के महीनों में ज्यादा शादियां होने की संभावना है. इससे होटल, बैंक्वेट हॉल और कैटरिंग सेवाओं में भारी मांग देखी जा सकती है.
शादी के सीजन में धार्मिक और सामाजिक महत्व
विवाह केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक और धार्मिक महत्व (religious and social importance of weddings) भी रखता है. शुभ मुहूर्त पर शादियां परिवारों और समाज को एक साथ लाने का अवसर मिलता हैं.
विवाह आयोजकों के लिए सुझाव
विवाह की तारीखें (tips for wedding planning in 2025) तय करने के बाद स्थान, कैटरिंग और अन्य व्यवस्थाओं को समय पर सुनिश्चित करना चाहिए. अबूझ मुहूर्त के दौरान अधिक मांग होने की संभावना है, इसलिए अग्रिम बुकिंग करना फायदेमंद रहेगा.