School New syllabus: पंजाब सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 से स्कूली छात्रों के लिए नशे से दूर रहने का एक विशेष पाठ्यक्रम लागू करने का निर्णय लिया है. इस पाठ्यक्रम में नशे के दुष्प्रभाव, नशे से बचाव के उपाय और नशे की लत से छुटकारा पाने के तरीके शामिल होंगे. सूत्रों के अनुसार पाठ्यक्रम को तैयार करने का काम शुरू हो चुका है.
नशे पर लगाम लगाने के लिए नई नीति
राज्य सरकार नशे पर रोक लगाने (anti-drug policy in Punjab) के लिए नई नीति तैयार कर रही है जो अगले 2-3 महीनों में लागू हो सकती है. इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य में नशे की बढ़ती समस्या को जड़ से खत्म करना है. नशामुक्ति पाठ्यक्रम इस नीति का एक अहम हिस्सा होगा.
नाबालिगों पर विशेष ध्यान
नई नीति के तहत नशामुक्ति एवं पुनर्वास कार्यक्रम (rehabilitation programs for minors) की निगरानी के लिए एक तालमेल कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी की अध्यक्षता मुख्य सचिव के. ए.पी. सिन्हा करेंगे और मुख्य सचिव राहुल तिवारी को इसका नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. इस नीति का फोकस नाबालिग बच्चों को नशे से बचाना है.
स्कूलों और कॉलेजों में मास्टर ट्रेनर की नियुक्ति
स्कूल और उच्च शिक्षा विभाग (master trainers in schools and colleges) द्वारा मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे. ये प्रशिक्षक छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों और उससे बचने के उपायों के बारे में जानकारी देंगे. पंजाब पुलिस की कम्युनिटी विंग भी इस मुहिम में सहयोग करेगी.
नशा करने वाली महिलाओं के लिए पुनर्वास योजनाएं
पंजाब सरकार ने नशा करने वाली महिलाओं (rehabilitation for women drug addicts) को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए एक विशेष योजना तैयार की है. इसके तहत लुधियाना में एक नशामुक्ति और पुनर्वास क्लिनिक स्थापित किया जाएगा. यह क्लिनिक महिलाओं के जीवन में सुधार लाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा.
राज्य में नशामुक्ति केंद्रों का मौजूदा परिदृश्य
पंजाब में पहले से ही 300 से अधिक नशामुक्ति केंद्र (drug rehabilitation centers in Punjab) संचालित हो रहे हैं. इन केंद्रों में नाबालिगों से लेकर 18-25 वर्ष तक के युवाओं का इलाज किया जा रहा है. नई नीति इन केंद्रों की प्रभावशीलता को बढ़ाने और बेहतर परिणाम लाने की दिशा में काम करेगी.
नशे के खिलाफ समाज की भूमिका
सरकार के प्रयासों के साथ समाज (role of society in anti-drug campaigns) की भागीदारी भी नशामुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. अभिभावकों और शिक्षकों को बच्चों को जागरूक करने और सही मार्गदर्शन देने की जिम्मेदारी निभानी होगी.
नई नीति से अपेक्षित परिणाम
नई नीति (expected outcomes of anti-drug policy) से राज्य में नशे की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी. स्कूल स्तर पर जागरूकता बढ़ने से युवा पीढ़ी नशे के प्रति सतर्क होगी और अपने भविष्य को बेहतर बना सकेगी.