School Holidays 2025: श्री गुरु गोबिंद सिंह जयंती के अवसर पर 6 जनवरी 2025 को स्कूल और कॉलेजों में अवकाश घोषित किया गया है. राज्य सरकारों ने इस पावन दिन को श्रद्धापूर्वक मनाने के लिए यह निर्णय लिया है. सरकारी और गैर-सरकारी शिक्षण संस्थानों के साथ ही कई दफ्तर भी इस दिन बंद रहेंगे.
गुरु गोबिंद सिंह जयंती का महत्व
सिखों के दसवें गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने जीवन में समानता, न्याय और धर्म की रक्षा (significance of Guru Gobind Singh Jayanti) के लिए अटूट योगदान दिया. उनकी शिक्षाएं लाखों लोगों को प्रेरणा देती हैं. खालसा पंथ की स्थापना से लेकर वीरता और बलिदान तक, उनके नियम आज भी प्रासंगिक हैं.
धार्मिक आयोजन और श्रद्धा के कार्यक्रम
श्री गुरु गोबिंद सिंह जयंती पर देशभर में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
- कीर्तन और प्रभात फेरी: इस दिन गुरुद्वारों में कीर्तन और प्रभात फेरियों (religious events on Guru Gobind Singh Jayanti) का आयोजन होता है.
- लंगर: इस अवसर पर सामूहिक भोज (लंगर) का आयोजन कर सेवा और समर्पण का संदेश दिया जाता है.
किन राज्यों में रहेगा अवकाश?
श्री गुरु गोबिंद सिंह जयंती पर कई राज्यों में स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी (school holiday declared for Guru Gobind Singh Jayanti) घोषित की गई है.
- बिहार: 6 जनवरी 2025 को गुरु गोबिंद सिंह जयंती के उपलक्ष्य में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे.
- पंजाब: इस दिन राज्य में स्कूल-कॉलेजों के साथ दफ्तर भी बंद रहेंगे.
- उत्तर प्रदेश: यहां भी गुरु गोबिंद सिंह जी के सम्मान में अवकाश रहेगा.
यह निर्णय हर राज्य के शिक्षा विभाग पर निर्भर करता है. अपने क्षेत्र में छुट्टियों की पुष्टि के लिए स्थानीय प्रशासन या स्कूल से संपर्क करना बेहतर होगा.
खालसा पंथ की स्थापना का संदेश
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना (foundation of Khalsa Panth by Guru Gobind Singh) कर धर्म और मानवता के प्रति समर्पण का संदेश दिया. उन्होंने समानता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा दिया, जो समाज में एकता लाने का प्रमुख आधार है.
छात्रों और शिक्षकों के लिए विशेष दिन
गुरु गोबिंद सिंह जयंती का अवकाश न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि छात्रों और शिक्षकों (importance of holiday for students and teachers) को एक ब्रेक देने का भी अवसर है. इस दिन को पर्व के उत्साह के साथ मनाना और गुरु जी की शिक्षाओं को समझना नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक हो सकता है.
गुरु गोबिंद सिंह जी के योगदान को याद करना
गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए:
- खालसा पंथ की स्थापना: 1699 में खालसा पंथ की स्थापना कर धर्म की रक्षा की.
- त्याग और बलिदान: अपने चार साहिबजादों के बलिदान के बावजूद उन्होंने धर्म की रक्षा (sacrifices of Guru Gobind Singh for Dharma) के लिए अपनी लड़ाई जारी रखी.
- समानता का संदेश: समाज में सभी को समान समझने और भाईचारे को बढ़ावा देने का संदेश दिया.
समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती समाज को यह याद दिलाती है कि धर्म, समानता और मानवता (Guru Gobind Singh’s teachings inspire society) के लिए काम करना ही सच्ची सेवा है. उनकी शिक्षाएं न केवल सिख समुदाय, बल्कि हर व्यक्ति के जीवन में प्रासंगिक हैं.