पुलिस के मोटे जवानों के लिए सख्त आदेश जारी, 40 दिनों में तोंद कम नही की तो हो सकता है नुकसान Haryana Police

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Haryana Police: हरियाणा पुलिस में फिटनेस की कमी के कारण पुलिसकर्मियों को फील्ड में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अधिक वजन और शारीरिक अक्षमता के कारण संदिग्धों का पीछा करना या तेजी से प्रतिक्रिया देना उनके लिए मुश्किल हो जाता है. इस समस्या को हल करने के लिए हरियाणा पुलिस महानिदेशक ने राज्यभर के मोटे पुलिसकर्मियों को फिटनेस पर ध्यान देने के निर्देश दिए हैं.

हाईकोर्ट ने मांगी थी मोटे पुलिसकर्मियों की सूची

जून 2022 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court directives) ने पुलिसकर्मियों की फिटनेस पर सवाल उठाते हुए जिलों के एसपी से मोटे पुलिसकर्मियों की सूची मांगी थी. यह कदम तब उठाया गया जब यह रिपोर्ट सामने आई कि अधिक वजन वाले पुलिसकर्मी ड्रग्स और अपराधियों का पीछा करने में अक्षम साबित हो रहे हैं.

पुराने आदेश और उनका पालन

हरियाणा की पूर्व मनोहर लाल खट्टर सरकार (Manohar Lal Khattar government fitness directives) के दौरान तत्कालीन गृहमंत्री अनिल विज ने मोटे पुलिसकर्मियों को लेकर निर्देश जारी किए थे. आदेश में कहा गया था कि मोटे पुलिसकर्मियों को पब्लिक डीलिंग से हटाकर पुलिस लाइन में भेजा जाएगा. इसके साथ ही उनके लिए रोजाना परेड और फिटनेस प्रोग्राम अनिवार्य किया गया था.

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मोटे पुलिसकर्मियों की पहचान के निर्देश

   

हरियाणा पुलिस महानिदेशक (Haryana DGP fitness program) ने निर्देश दिया है कि 10 दिनों के भीतर मोटे पुलिसकर्मियों की पहचान की जाए. यह पहल पुलिसकर्मियों की शारीरिक फिटनेस में सुधार के लिए एक ठोस कदम है. इसके बाद 40 दिनों का एक फिटनेस प्रोग्राम शुरू किया जाएगा, जिसमें जिम, दौड़ और योग (yoga and exercise for police fitness) शामिल होंगे.

फिटनेस प्रोग्राम की रूपरेखा

इस फिटनेस अभियान के तहत पुलिसकर्मियों को रोजाना सुबह एक तय दिनचर्या का पालन करना होगा. यह कार्यक्रम (police fitness improvement program) न केवल उन्हें शारीरिक रूप से फिट बनाएगा, बल्कि मानसिक रूप से भी उनकी कार्यक्षमता में सुधार करेगा. इसमें शामिल मुख्य गतिविधियां हैं:

  1. नियमित योगाभ्यास.
  2. जिम में व्यायाम.
  3. रोजाना दौड़ और कार्डियो.

फिटनेस सुधारने का उद्देश्य

फिटनेस अभियान (police fitness drive goals) का मुख्य उद्देश्य पुलिसकर्मियों को फील्ड वर्क के लिए तैयार करना है. अपराधियों का पीछा करने और तेजी से निर्णय लेने जैसी स्थितियों में शारीरिक फिटनेस बेहद महत्वपूर्ण होती है. इस कदम से पुलिसकर्मियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी और नागरिकों में पुलिस पर विश्वास बढ़ेगा.

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अन्य राज्यों के लिए भी बन सकता है उदाहरण

हरियाणा पुलिस का यह फिटनेस अभियान (fitness initiative for police officers) अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है. देशभर में कई पुलिसकर्मी फिटनेस की कमी से जूझ रहे हैं, जो उनकी कार्यक्षमता को प्रभावित करता है. इस पहल से एक नई शुरुआत हो सकती है, जहां सभी राज्य अपने पुलिस बल की फिटनेस को प्राथमिकता दें.

फिटनेस अभियान के संभावित परिणाम

  1. बेहतर स्वास्थ्य और कार्यक्षमता (improved fitness and efficiency).
  2. अपराधियों का पीछा करने और केस हल करने में तेजी.
  3. नागरिकों के बीच पुलिस की छवि में सुधार.
  4. पुलिसकर्मियों का आत्मविश्वास और मानसिक स्थिति मजबूत होगी.

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