आने वाले दिनों में सस्ती हो सकती है सीएनजी, सस्ती गैस सप्लाई में हुई बढ़ोतरी Gas Supply Increased

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Gas Supply Increased: हाल ही में सरकार ने शहरी गैस कंपनियों जैसे इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड अडानी-टोटल गैस लिमिटेड और महानगर गैस लिमिटेड को सस्ती गैस की सप्लाई बढ़ाने का निर्णय लिया है. इन कंपनियों ने शेयर बाजारों को यह जानकारी दी है. 2024 में सरकार ने इन कंपनियों को गैस आवंटन में कटौती कर दी थी, लेकिन अब 16 जनवरी 2025 से घरेलू गैस की सप्लाई बढ़ा दी जाएगी. इससे सीएनजी और पाइपलाइन गैस के लिए कीमतों में स्थिरता आने की उम्मीद जताई जा रही है.

इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) को मिलेगा गैस का ज्यादा आवंटन

इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) ने शेयर बाजारों को दी जानकारी में कहा कि गेल (इंडिया) लिमिटेड से मिले पत्र के मुताबिक, आईजीएल को घरेलू गैस आवंटन 16 जनवरी 2025 से 31 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है. इससे सीएनजी सेगमेंट में घरेलू गैस की हिस्सेदारी 37 प्रतिशत से बढ़कर 51 प्रतिशत हो जाएगी. आईजीएल ने यह भी बताया कि उसने एक बड़े सप्लायर के साथ प्रतिस्पर्धी कीमत पर लगभग 10 लाख मानक घनमीटर रोजाना की आयातित एलएनजी (Liquefied Natural Gas) के साथ करार किया है. यह करार कंपनी के मुनाफे पर सकारात्मक असर डालने वाला है.

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अडानी-टोटल गैस लिमिटेड ने रिटेल कीमतों पर असर की संभावना जताई

   

गुजरात और अन्य शहरों में सीएनजी की रिटेल बिक्री करने वाली अडानी-टोटल गैस लिमिटेड ने यह जानकारी दी है कि “एपीएम गैस (APM Gas) के आवंटन में 16 जनवरी 2025 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है.” कंपनी ने कहा कि इस बढ़ोतरी से उसे सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और कंज्यूमर्स के लिए रिटेल कीमतों को स्थिर रखने में मदद मिलेगी. इसका मतलब है कि गैस की उपलब्धता बढ़ने से न केवल कंपनियों को फायदा होगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी किफायती दरों पर गैस मिल सकेगी.

महानगर गैस लिमिटेड का भी गैस की मांग बढ़ी

महानगर गैस लिमिटेड (MGL) ने भी सूचना दी है कि उसे एपीएम मूल्य पर घरेलू गैस के आवंटन में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. इससे सीएनजी के लिए गैस आवंटन 37 प्रतिशत से बढ़कर 51 प्रतिशत हो गया है. महानगर गैस लिमिटेड, जो मुंबई और अन्य शहरों में सीएनजी की रिटेल बिक्री करती है इस बढ़ी हुई गैस सप्लाई से उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर गैस मिलने का विश्वास जताती है. यह कदम भारत में शहरी गैस वितरण व्यवस्था को और अधिक प्रभावी और किफायती बनाने के लिए उठाया गया है.

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क्यों बढ़ाई गई गैस की सप्लाई?

पिछले साल यानी 2024 के अक्टूबर और नवंबर में, सरकार ने सीमित गैस उत्पादन के कारण शहरी गैस वितरण कंपनियों को एपीएम गैस (APM Gas) की सप्लाई में 40 प्रतिशत तक कटौती कर दी थी. इसका असर यह हुआ कि कंपनियों को ऊंची कीमत वाली गैस खरीदनी पड़ी, और सीएनजी के दाम में 2-3 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई. इसके बाद, डीजल जैसे वैकल्पिक ईंधन की तुलना में सीएनजी कम आकर्षक हो गई. सरकार ने यह फैसला लिया कि गैस की सप्लाई बढ़ाकर सीएनजी की कीमतों को स्थिर किया जाएगा, ताकि उपभोक्ताओं को राहत मिले और शहरी गैस वितरण प्रणाली मजबूत हो.

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय का निर्णय

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 31 दिसंबर 2024 को एक आदेश जारी किया, जिसके तहत गैस उत्पादन की आपूर्ति को फिर से व्यवस्थित किया गया है. मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र की गेल और ओएनजीसी को एलपीजी उत्पादन के लिए गैस की सप्लाई घटाने का आदेश दिया है और इसकी कुछ मात्रा को शहरी गैस वितरण कंपनियों को ट्रांसफर कर दिया है. इसके अनुसार, रोजाना 25.5 करोड़ मानक घनमीटर गैस का उपयोग किया जाता है, जिसमें से 12.7 करोड़ मानक घनमीटर गैस को जनवरी-मार्च तिमाही में सीएनजी और पाइपलाइन रसोई गैस (PNG) सेगमेंट में उपयोग करने के लिए ट्रांसफर किया गया है.

शहरी गैस वितरण कंपनियों के लिए यह कदम क्यों महत्वपूर्ण है?

सरकार का यह कदम शहरी गैस वितरण कंपनियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. जब गैस की आपूर्ति बढ़ाई जाती है, तो कंपनियों के पास बेहतर आपूर्ति चेन और किफायती दरों पर गैस उपलब्ध होती है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलती है. इसके अलावा, इस कदम से गैस वितरण कंपनियों को भी अपने मुनाफे में वृद्धि की उम्मीद है, क्योंकि उन्हें सस्ती कीमत पर गैस मिलती है, जिससे रिटेल कीमतों को नियंत्रित करना आसान हो जाता है.

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भारत में शहरी गैस वितरण प्रणाली की भूमिका

भारत में शहरी गैस वितरण प्रणाली का बड़ा योगदान है, खासकर सीएनजी और पाइपलाइन रसोई गैस (PNG) के वितरण में. इन गैसों का उपयोग न केवल उद्योगों में, बल्कि घरेलू और वाणिज्यिक उपयोग में भी किया जाता है. गैस की सप्लाई में लगातार सुधार और स्थिरता बनाए रखने से, देश में पर्यावरणीय लाभ और ऊर्जा सुरक्षा में भी सुधार होता है.

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