Success Story: हरियाणा के झज्जर जिले के खरमाण गांव की रेणु सांगवान ने कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है. 2024 में उन्हें उनके असाधारण योगदान के लिए राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें देशभर के किसानों और महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बना दिया है.
2017 में की गई डेयरी फार्मिंग की शुरुआत
रेणु ने 2017 में केवल 9 देसी गायों के साथ डेयरी फार्मिंग की शुरुआत की. अपने बेटे डॉ. विनय सांगवान के साथ उन्होंने गायों की देखभाल के लिए समर्पण और उच्च मानकों को बनाए रखा. आज, उनके फार्म ‘गोकुल फार्म श्रीकृष्ण गोधाम’ में 280 से अधिक गायें हैं. यह फार्म भारत के किसानों के लिए एक बढ़िया मॉडल (model dairy farm in India) बन चुका है.
देसी नस्लों पर भरोसा बना सफलता की कुंजी
रेणु ने देसी नस्लों जैसे साहीवाल, गिर, राठी और थारपारकर पर भरोसा किया. ये नस्लें औषधीय गुणों वाले दूध के लिए प्रसिद्ध हैं और इन्हें बनाए रखना हाइब्रिड नस्लों की तुलना में सस्ता है. रेणु ने दूध से बने उत्पादों जैसे घी, पनीर, और च्यवनप्राश की एक विस्तृत रेंज विकसित की. उनके फार्म का घी न केवल भारत में बल्कि 24 से अधिक देशों में लोकप्रिय
आधुनिक तकनीक ने बढ़ाई दक्षता
गोकुल फार्म में आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके उत्पादकता और स्वच्छता में सुधार किया गया. फार्म में स्वचालित दूध दुहने की मशीनें और उन्नत सफाई उपकरण लगाए गए हैं. इसके अलावा, फार्म देसी बैलों के वीर्य का उत्पादन और बिक्री भी करता है, जिससे मवेशियों की नस्ल की गुणवत्ता में सुधार
कई चुनौतियों के बावजूद सफलता का सफर
रेणु की यात्रा चुनौतियों से भरी रही. संसाधनों की कमी और गायों के स्वास्थ्य को बनाए रखना उनके लिए बड़ी समस्याएं थीं. लेकिन, उन्होंने नियमित टीकाकरण, संतुलित आहार, और उचित स्वच्छता पर ध्यान देकर इन चुनौतियों को पार किया. यह उनके अडिग संकल्प का ही परिणाम है कि आज उनका फार्म करोड़ों का व्यवसाय कर रहा है.
पुरस्कार और मान्यता का सिलसिला
रेणु सांगवान को उनकी मेहनत और सफलता के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया है. 2024 में राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार (National Gopal Ratna Award) प्राप्त करने के अलावा, उन्होंने कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में अन्य कई सम्मान भी हासिल किए. यह उनके योगदान और समर्पण का प्रमाण है.
सकारात्मक बदलाव लाने का लक्ष्य
रेणु केवल एक सफल डेयरी किसान नहीं हैं; वह समाज में बदलाव लाने का प्रयास कर रही हैं. उन्होंने स्थानीय किसानों को डेयरी फार्मिंग के आधुनिक तरीके सिखाए और उन्हें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी. वह खासकर महिलाओं को इस क्षेत्र में शामिल होने और आर्थिक स्वतंत्रता (women empowerment through dairy farming) प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती हैं.
डेयरी फार्मिंग से करोड़ों की कमाई
रेणु सांगवान का फार्म 2023-24 वित्तीय वर्ष में 3 करोड़ रुपये का कारोबार कर चुका है. यह उनके डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता और बाजार में उनकी उच्च मांग
आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा
रेणु सांगवान की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करना चाहता है. उनकी सफलता दिखाती है कि दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत, और सही दृष्टिकोण के साथ कोई भी अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है.