Bussiness Idea: मशरूम की खेती व्यवसाय केरल के जीतू थॉमस और उनकी मां लीना ने मिलकर मशरूम की खेती से एक सफल व्यवसाय खड़ा किया है, जिससे उनकी प्रतिदिन की कमाई 40,000 रुपये तक पहुँच गई है. यह कहानी एक ऐसे शख्स की है जिसने शौकिया तौर पर शुरू किया था और आज यह व्यवसाय लाखों रुपये कमा रहा है. इस सफलता की कहानी से हम जानेंगे कि कैसे शौक और मेहनत से एक व्यक्ति अपने भविष्य को संवार सकता है.
मशरूम की खेती में सफलता की शुरुआत
मशरूम की खेती जीतू थॉमस और उनकी मां ने 5,000 वर्ग फीट में मशरूम फार्म स्थापित किया. इस फार्म से वे प्रतिदिन 100 किलो से ज्यादा मशरूम का उत्पादन करते हैं. इस उत्पादन को वे सीधे खुदरा विक्रेताओं को बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इसके साथ ही, जीतू मशरूम की खेती का प्रशिक्षण भी देते हैं. अब तक करीब 1,000 लोग उनसे प्रशिक्षण ले चुके हैं. यह दिखाता है कि सही तरीके से किया गया व्यवसाय केवल लाभ ही नहीं बल्कि दूसरों को भी रोजगार देने का अवसर पैदा कर सकता है.
शौक से व्यवसाय तक का सफर
मशरूम उगाने का तरीका जीतू की मशरूम उगाने की यात्रा 2018 में उनके कमरे से शुरू हुई थी. जीतू ने इंटरनेट पर मशरूम उगाने का तरीका देखा था और फिर उन्होंने इसे एक शौक के रूप में अपनाया. प्लास्टिक की बोतल में मशरूम उगाने का तरीका सीखने के बाद उन्होंने इसे एक छोटे स्तर पर शुरू किया. कुछ ही समय में उनका शौक व्यवसाय में बदल गया. अब उनकी मां लीना के साथ मिलकर, उन्होंने ‘लीनाज मशरूम’ नाम से अपनी कंपनी बनाई है, जिसमें हर दिन 100 किलो से ज्यादा मशरूम का उत्पादन होता है.
मशरूम की खेती में महारत हासिल करना
(मशरूम खेती के फायदे) शुरुआत में ही जीतू को यह एहसास हो गया था कि मशरूम की खेती आसान नहीं है. मशरूम एक नाजुक उत्पाद है, जो तापमान और नमी पर पूरी तरह निर्भर करता है. उन्होंने मशरूम की खेती के बारे में गहरी जानकारी प्राप्त की और कई कोर्स भी किए. इस ज्ञान के साथ उन्होंने अपने फार्म को इस तरह डिज़ाइन किया कि जहां सामान्यत: 5,000 बेड लगाए जा सकते हैं, वहीं उन्होंने 20,000 बेड लगाए. इस तरह उन्होंने अपनी उत्पादन क्षमता में कई गुना वृद्धि की.
मशरूम की बढ़ती लोकप्रियता और व्यापार में बदलाव
मशरूम की मांग पिछले एक दशक में भारत में मशरूम की लोकप्रियता में काफी वृद्धि हुई है. मशरूम न केवल स्वाद में बढ़िया होते हैं, बल्कि पोषण से भरपूर भी होते हैं. इसकी बढ़ती मांग के कारण किसानों के लिए यह एक लाभकारी व्यवसाय बन चुका है. जीतू थॉमस ने 19 साल की उम्र में ही मशरूम की खेती में रुचि दिखाई थी. उन्होंने सबसे पहले मशरूम के बीज खरीदे और फिर उन्हें उगाना शुरू किया. आज उनकी मेहनत का फल उन्हें सफलता के रूप में मिल रहा है.
व्यवसाय को लेकर उनकी दृष्टि और भविष्य की योजनाएं
मशरूम की खेती व्यवसाय के फायदे जीतू और लीना की सफलता केवल मशरूम की खेती तक सीमित नहीं है. वे अन्य किसानों को भी मशरूम की खेती के बारे में बताते हैं. उनका मानना है कि अगर लोग इस व्यवसाय में अच्छे से प्रशिक्षित हों, तो मशरूम की खेती से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. जीतू अब अपने फार्म में अधिक से अधिक मशरूम बेड लगाने की योजना बना रहे हैं. इसके साथ ही, वे अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम को भी और विस्तार देने का सोच रहे हैं.
मशरूम की खेती से आत्मनिर्भरता की ओर कदम
मशरूम की खेती से आत्मनिर्भरता जीतू और लीना का व्यवसाय आज एक उदाहरण बन चुका है कि कैसे छोटे पैमाने पर शुरू किए गए व्यवसाय को सही तरीके से बढ़ाकर लाखों रुपये की कमाई की जा सकती है. उनके लिए यह सफर न केवल एक व्यवसायिक सफलता है, बल्कि यह आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक कदम है. अब वे अन्य लोगों को भी इस व्यवसाय में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और उन्हें मशरूम की खेती की तकनीकों से परिचित करा रहे हैं.