Gold Silver Rate: गुरुवार को शुरुआती दिन में सोने के दाम में मजबूती देखने को मिली. मुंबई में 24 कैरेट वाले 10 ग्राम सोने की कीमत अब 78,830 रुपये तक पहुंच गई है. वहीं, चांदी के भाव में मामूली गिरावट हुई है जो अब 92,400 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. यह बढ़ोतरी त्योहारों और मांग के बढ़ने के कारण है.
दिल्ली समेत अन्य शहरों के भाव
देशभर के बड़े शहरों में सोने की कीमतें अलग-अलग हैं. राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट सोने का भाव 78,980 रुपये प्रति 10 ग्राम है. लखनऊ, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद में यह 78,830 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर है. अहमदाबाद में यह भाव 78,880 रुपये है.
हर शहर में अलग दाम क्यों होते हैं?
सोने की कीमतें हर शहर में अलग-अलग क्यों होती हैं, इसका प्रमुख कारण राज्य सरकार द्वारा लगाए जाने वाले स्थानीय टैक्स हैं. हर राज्य और शहर में यह टैक्स अलग-अलग होता है, जो सोने की कीमतों को प्रभावित करता है. साथ ही, परिवहन लागत और स्थानीय बाजार की मांग भी इस अंतर का बड़ा कारण हैं.
अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं का असर
सोने की कीमतें केवल घरेलू मांग और आपूर्ति पर ही निर्भर नहीं करतीं. वैश्विक स्तर पर होने वाली गतिविधियां, जैसे कि लंदन ओटीसी स्पॉट मार्केट और कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स मार्केट, भी सोने के दाम को प्रभावित करते हैं. इसके अलावा, विदेशी मुद्रा दरों में उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतें भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. (global factors affecting gold prices)
सोने की कीमत कौन तय करता है?
दुनियाभर में सोने की कीमत लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा तय की जाती है. यह कीमत US डॉलर में निर्धारित होती है, जो बैंकरों और व्यापारियों के लिए एक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है. भारत में इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आयात शुल्क और अन्य टैक्स जोड़कर रिटेल विक्रेताओं के लिए कीमत निर्धारित की जाती है.
त्योहारों पर बढ़ती मांग का असर
त्योहारी सीजन के दौरान सोने की मांग बढ़ जाती है, जिससे इसकी कीमतों में भी तेजी आती है. भारत में शादी और त्योहारों के समय सोने की खरीदारी को शुभ माना जाता है, जिससे मांग में इजाफा होता है. इस बढ़ी हुई मांग का सीधा असर कीमतों पर पड़ता है.
निवेश के लिए सोना क्यों है पहली पसंद?
सोने को लंबे समय से सुरक्षित निवेश का साधन माना गया है. बाजार में अस्थिरता के समय निवेशक सोने में निवेश करना पसंद करते हैं. सोने की कीमतें आमतौर पर महंगाई और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के दौरान बढ़ती हैं, जो इसे निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाती हैं.
घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार का अंतर
भारत में सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार की तुलना में अधिक होती हैं. इसका कारण आयात शुल्क, GST और अन्य स्थानीय टैक्स हैं. भारत में लगभग सारा सोना आयात किया जाता है, जिससे इसकी कीमत पर इन शुल्कों का सीधा प्रभाव पड़ता है.
आगे के क्या है सोने के रेट
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं. वैश्विक स्तर पर आर्थिक संकट, डॉलर की मजबूती, और बढ़ती महंगाई के कारण सोने की कीमतें उच्च स्तर पर बनी रह सकती हैं. निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने निवेश को संतुलित रखने के लिए सोने में निवेश करने पर विचार करें.