Board Exam Pattern: मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 2024-25 सत्र के लिए 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य परीक्षा प्रणाली को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाना है. छात्रों के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि नए नियम उनके तैयारी के तरीकों को किस प्रकार प्रभावित कर सकते हैं.
10वीं और 12वीं के पेपरों के अंकों में बदलाव
एमपी बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के पेपरों के कुल अंकों और मूल्यांकन पद्धति में बदलाव किया है. अब 10वीं कक्षा के प्रत्येक विषय का पेपर 75 अंकों का होगा जिसमें 25 अंक आंतरिक मूल्यांकन के जोड़े जाएंगे. वहीं 12वीं कक्षा में नॉन-प्रैक्टिकल विषयों का पेपर 80 अंकों का और प्रैक्टिकल विषयों का पेपर 70 अंकों का होगा जबकि 30 अंक प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए निर्धारित किए गए हैं.
सैंपल पेपर वेबसाइट पर अपलोड
एमपी बोर्ड ने नए परीक्षा पैटर्न से संबंधित सैंपल पेपर अपनी आधिकारिक वेबसाइट mpbse.nic.in पर अपलोड किए हैं. इन सैंपल पेपर्स का उद्देश्य छात्रों को प्रश्नों के प्रारूप और परीक्षा की संरचना को समझाना है. हालांकि, बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि ये सैंपल पेपर मुख्य परीक्षा के प्रश्न पत्रों से पूरी तरह मेल नहीं खाएंगे.
परीक्षा की तारीखों की घोषणा
एमपी बोर्ड ने 2024-25 सत्र के लिए प्री-बोर्ड और मुख्य परीक्षा की तारीखें भी जारी कर दी हैं. 10वीं कक्षा की मुख्य परीक्षा 27 फरवरी से 19 मार्च 2025 तक और 12वीं कक्षा की परीक्षा 28 फरवरी से 20 मार्च 2025 तक आयोजित की जाएगी. छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे समय पर अपनी तैयारी पूरी कर लें.
छात्रों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश
माध्यमिक शिक्षा मंडल ने छात्रों को सलाह दी है कि वे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर परीक्षा से संबंधित सभी जानकारी ले. सैंपल पेपर्स और परीक्षा शेड्यूल का अध्ययन करना परीक्षा की तैयारी को और बेहतर बना सकता है.
परीक्षा की तैयारी में यह बदलाव क्यों महत्वपूर्ण है
इन बदलावों का उद्देश्य परीक्षा प्रणाली को अधिक समकालीन और छात्रों के अनुकूल बनाना है. आंतरिक मूल्यांकन के अंकों को बढ़ाने से छात्रों की शैक्षणिक प्रगति का व्यापक मूल्यांकन किया जा सकेगा. साथ ही, प्रैक्टिकल विषयों में लिखित और प्रैक्टिकल परीक्षा का संतुलन छात्रों को उनके कौशल और ज्ञान का सही आकलन करने का अवसर देगा.
छात्रों और शिक्षकों के लिए क्या है फायदेमंद
नई परीक्षा प्रणाली न केवल छात्रों बल्कि शिक्षकों के लिए भी फायदेमंद होगी. यह बदलाव छात्रों को परीक्षा के प्रति अधिक व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाने में मदद करेगा. वहीं, शिक्षकों को छात्रों की प्रगति को और अधिक गहराई से परखने का अवसर मिलेगा.