राजस्थान में सोलर पैनल लगवाने वालों की हुई मौज, चीन की उड़ी रातों की नींद Subsidy on Solar Panel

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Subsidy on Solar Panel: भारत ने ग्रीन एनर्जी सेक्टर में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए एक नया कदम उठाया है. अब तक सोलर उपकरण निर्माण में चीन का वर्चस्व रहा है और हमारे देश में उपयोग होने वाले लगभग 60% सोलर पैनल विदेशों से आयात किए जाते हैं. इसे बदलने के लिए सरकार ने नई नीति बनाई है जिसमें घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा.

घरेलू उत्पादन के लिए डीसीआर नीति

डीसीआर, यानी डोमेस्टिक कंटेंट रिक्वायरमेंट के तहत सोलर मॉड्यूल में कम से कम 70% सामग्री स्थानीय रूप से उपयोग करना अनिवार्य है. यह नीति न केवल आयात पर निर्भरता को कम करेगी बल्कि घरेलू उद्योगों को भी प्रोत्साहित करेगी. साथ ही, डीसीआर मॉड्यूल के उपयोग पर सरकार द्वारा सब्सिडी भी दी जाएगी.

आम जनता की जानकारी का अभाव

जोधपुर सोलर सोसायटी के अध्यक्ष ओंकार सिंह राजपुरोहित के अनुसार, डीसीआर और नॉन-डीसीआर मॉड्यूल के बीच 10 रुपये प्रति वॉट का अंतर है. किसानों को इसके बारे में सही जानकारी न होने की वजह से वे पुराने टेंडर दरों पर ही उपकरण लगवा रहे हैं, जिससे लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.

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डीसीआर नीति के लाभ और चुनौतियां

   

डीसीआर नीति से स्थानीय सोलर उद्योग को नई ऊंचाई पर ले जाने की संभावना है. हालांकि, इस नीति के तहत उपकरणों की लागत अधिक होने की वजह से किसानों और छोटे उपभोक्ताओं पर इसका भार पड़ सकता है. इसके लिए सरकार को जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है जिससे हर वर्ग इस योजना का लाभ उठा सके.

सोलर इंडस्ट्री का विकास

राजस्थान में सोलर उपकरणों की इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं. हाल ही में, जोधपुर में 100 करोड़ रुपये के एमओयू सोलर सेक्टर के लिए साइन किए गए हैं. साथ ही, जोधपुर-पाली औद्योगिक क्षेत्र में सोलर उपकरण निर्माण के लिए एक विशेष जोन बनाने की योजना है.

सोलर मॉड्यूल में स्थानीय निर्माण का महत्व

स्थानीय निर्माण से न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे बल्कि आयात पर निर्भरता भी कम होगी. इसके अलावा, डीसीआर मॉड्यूल के उपयोग से सोलर पैनल की गुणवत्ता में भी सुधार होगा जिससे भारत ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेगा.

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किसानों और आमजन के लिए जागरूकता जरूरी

सरकार को डीसीआर नीति और इसके फायदों के बारे में किसानों और आमजन को जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान चलाने की जरूरत है. इसमें विशेष रूप से उन क्षेत्रों पर ध्यान देना होगा, जहां सोलर उपकरणों का उपयोग अधिक होता है.

ग्रीन एनर्जी में भारत की आत्मनिर्भरता

डीसीआर नीति और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर भारत ने ग्रीन एनर्जी में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. यह नीति न केवल पर्यावरण संरक्षण में मददगार होगी, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी फायदेमंद साबित होगी.

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