Indian Railways: भारतीय रेलवे देश के सबसे बड़े और व्यस्ततम परिवहन नेटवर्क में से एक है, जो हर रोज लाखों यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने का काम करता है। हालांकि हम सब ट्रेन से सफर तो करते हैं, लेकिन इससे जुड़े कई ऐसे नियम और कोडिंग सिस्टम हैं, जिनके बारे में आमतौर पर लोग नहीं जानते।
सीट एलॉटमेंट के बाद कोच की पहचान जरूरी
जब आप ट्रेन का टिकट बुक करते हैं, तो आपको किसी न किसी कोच में एक सीट एलॉट होती है। ट्रेन स्टेशन पर पहुँचने के बाद सबसे पहले यही जानना जरूरी होता है कि आपका कोच कहां खड़ा होगा और उसका कोड क्या है।
ट्रेन कोच के बाहर लगे होते हैं बोर्ड और कोड
हर ट्रेन के कोच के बाहर एक छोटा सा बोर्ड लगा होता है, जिस पर अलग-अलग कोड लिखे होते हैं जैसे – H1, S1, A1, B1, CC, EC, K1 आदि। इन कोड्स का विशेष अर्थ होता है और ये यात्रियों को यह समझने में मदद करते हैं कि उनका कोच किस श्रेणी का है।
K1 कोच का क्या होता है मतलब ?
अब सवाल उठता है कि जब किसी ट्रेन में K1 लिखा कोच नजर आता है तो उसका अर्थ क्या होता है ? दरअसल, यह कोड बहुत कम लोगों को समझ आता है, लेकिन यह बड़ी जानकारी छिपाए होता है।
K1 कोच में मिलती हैं प्रीमियम सुविधाएं
जिस कोच के बाहर K1 लिखा होता है, वह प्रीमियम क्लास कोच होता है। यह AC एग्जीक्यूटिव चेयर कार से जुड़ा होता है। यानि इस कोच में सफर करने वाले यात्रियों को अत्याधुनिक और आरामदायक सुविधाएं मिलती हैं।
Executive Chair Car का संकेत है K1
K1 कोच आमतौर पर शताब्दी और वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में देखने को मिलता है। ये कोच एग्जीक्यूटिव क्लास के होते हैं और इनका निर्माण बेहद आधुनिक तकनीक से किया जाता है। इनमें मिलने वाली सीटिंग व्यवस्था, एसी कूलिंग, और स्पेस अन्य कोच की तुलना में कहीं बेहतर होती है।
क्या आपको मिलेगी सीट K1 कोच में ?
अगर आपके टिकट पर कोच का कोड K1 लिखा है, तो इसका मतलब है कि आपकी सीट एग्जीक्यूटिव चेयर कार में है। यह कोच उन यात्रियों के लिए होता है जो थोड़ा ज्यादा भुगतान करके ज्यादा आराम पाना चाहते हैं।
बोर्ड पर कोड पढ़ना बेहद जरूरी
रेलवे कोच के बाहर लिखे कोडों को समझना हर यात्री के लिए जरूरी है, ताकि वह अपनी सीट को सही जगह खोज सके और गलत कोच में चढ़ने की गलती न करे। खासकर ऐसे यात्रियों को जो पहली बार किसी प्रीमियम ट्रेन से यात्रा कर रहे हों।