New Railway Line: हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर (HORC) का निर्माण दिल्ली-एनसीआर के ट्रैफिक दबाव को कम करने और परिवहन सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. यह परियोजना न केवल यातायात का बोझ कम करेगी बल्कि हाईवे रेलवे और मेट्रो सेवाओं के साथ बेहतर संपर्क स्थापित करेगी.
मानेसर से सोनीपत तक रेल कनेक्टिविटी
हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने पलवल, मानेसर और सोनीपत के बीच रेल कॉरिडोर विकसित करने की योजना बनाई है. धुलावट से बादशाह तक 29.5 किलोमीटर लंबी विद्युतीकृत डबल ट्रैक रेलवे लाइन गुरुग्राम और नूंह जिलों से गुजरेगी.
प्रमुख स्टेशन और उनकी विशेषताएं
इस रेल कॉरिडोर पर तुर्कपुर, खरखौदा, मानेसर और सोहना सहित 15 प्रमुख स्टेशन बनाए जाएंगे. ये स्टेशन यात्रियों और मालगाड़ियों दोनों के लिए बेहतर सुविधाएं मिलेगी. इससे इन क्षेत्रों में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.
मारुति सुजुकी प्लांट के पास से गुजरेगा रेल कॉरिडोर
इस रेल कॉरिडोर की खासियत यह है कि यह मानेसर स्थित मारुति सुजुकी प्लांट से केवल 200 मीटर की दूरी पर होगा. इससे कारों की लोडिंग और परिवहन में समय और ईंधन की बचत होगी. यह प्रदूषण को भी कम करेगा और सड़क पर ट्रैफिक का दबाव घटाएगा.
हरियाणा रेल कॉरिडोर की प्रमुख विशेषताएं
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर पर ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी. इस कॉरिडोर पर 4.7 किलोमीटर लंबी और 11 मीटर ऊंची सुरंगें भी बनाई जाएंगी, जो डबल स्टैक कंटेनरों के लिए उपयुक्त होंगी. यह परियोजना आधुनिक तकनीक और टिकाऊ विकास का उदाहरण है.
माल परिवहन को मिलेगा बढ़ावा
HORC परियोजना से प्रतिदिन 5 करोड़ टन माल का परिवहन संभव होगा. यह कॉरिडोर पृथला और तावडू में समर्पित माल गलियारे को जोड़ेगा, जिससे देश के किसी भी हिस्से में तेज और कुशल माल परिवहन संभव होगा.
KMP एक्सप्रेस-वे के साथ विकसित होगा रेल कॉरिडोर
यह रेल कॉरिडोर KMP एक्सप्रेस-वे के साथ विकसित किया जाएगा. इससे सड़कों पर भारी वाहनों का दबाव कम होगा और लॉजिस्टिक्स की लागत घटेगी. यह पूरे क्षेत्र के औद्योगिक विकास में सहायक सिद्ध होगा.
पर्यावरणीय लाभ
HORC परियोजना से डीजल की खपत में कमी आएगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन घटेगा. यह परियोजना पर्यावरण के अनुकूल है और टिकाऊ विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का भविष्य
यह परियोजना हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर के आर्थिक विकास को नई दिशा देगी. बेहतर रेल कनेक्टिविटी से न केवल यात्रा सुविधाएं बढ़ेंगी, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों को भी मजबूती मिलेगी.