Haryana New Railway Line: हरियाणा वासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। राज्य में हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के निर्माण की प्रक्रिया अब तेज़ी से चल रही है। इस नए रेल मार्ग से दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के यातायात दबाव को कम करने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही यह क्षेत्रीय विकास को नया दिशा देने में अहम भूमिका निभाएगा। खासकर, IMT मानेसर क्षेत्र की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए यह परियोजना काफी महत्वपूर्ण साबित होगी।
पलवल, मानेसर, सोनीपत के बीच बनेगा नया रेल कॉरिडोर
हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (HRIDC) ने एक नई योजना के तहत पलवल, मानेसर और सोनीपत के बीच ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर बनाने का फैसला किया है (Haryana Railway Infrastructure Development). यह रेल कॉरिडोर दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में यातायात को सुगम बनाएगा और यह बड़ी मात्रा में माल परिवहन को भी प्रोत्साहित करेगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य न केवल यात्रियों के लिए सुविधाएं प्रदान करना, बल्कि भारी माल परिवहन के लिए भी बेहतरीन समाधान उपलब्ध कराना है।
यह रेल कॉरिडोर बढ़ाएगा माल परिवहन की क्षमता
हरियाणा के इस नए रेल कॉरिडोर में माल परिवहन की गति और क्षमता में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है (Increased freight transport capacity). इससे हरियाणा और दिल्ली के बीच माल ढुलाई की प्रक्रिया में तेजी आएगी। यह योजना किसानों और उद्योगपतियों के लिए भी फायदेमंद साबित होगी, क्योंकि उन्हें कम समय में माल की सप्लाई और डिलीवरी का मौका मिलेगा। रेल मार्ग का यह नया नेटवर्क राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा और व्यापार के लिए नए अवसर उत्पन्न करेगा।
यह रेलवे लाइन किन जिलों से गुजरेगी?
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, इस ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर की योजना के सेक्शन A की शुरुआत धुलावट से होगी और यह बादशाह तक जाएगा (Palwal-Maneesar-Sonipat Corridor). इस रेल मार्ग के निर्माण पर अनुमानित 5700 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस मार्ग से नूंह और गुरुग्राम जिलों से होते हुए यह रेलवे लाइन गुजरेगी। इस रेल मार्ग का मुख्य उद्देश्य इन क्षेत्रों में यातायात को सुगम बनाना है और इन जिलों को दिल्ली से बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
रेल कॉरिडोर पर स्टेशन और यात्री सुविधाएं
इस रेल कॉरिडोर के तहत कई नए स्टेशन बनेंगे, जिससे यात्रा और भी अधिक सुविधाजनक होगी (Haryana railway stations). इस परियोजना में प्रमुख स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिनमें सोनीपत, तुर्कपुर, खरखौदा, जसौर खेड़ी, मांडौठी, बादली, देवरखाना, बाढ़सा, न्यू पातली, पचगांव, आईएमटी मानेसर, चंदला डूंगरवास, धुलावट, सोहना, सिलानी और न्यू पलवल शामिल हैं। इन स्टेशनों के बनने से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और लंबी यात्रा को भी आरामदायक बनाया जा सकेगा।
नई रेल लाइन की विशेषताएं और विकास
इस रेल कॉरिडोर की एक बड़ी विशेषता यह है कि इसमें उच्च गति की ट्रेनें चलेंगी, जिनकी रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है (High-speed rail). साथ ही, इस रेल मार्ग पर दो सुरंगों का निर्माण किया जाएगा। ये सुरंगें डबल स्टैक कंटेनरों को ले जाने के लिए सक्षम होंगी, जिससे माल परिवहन की क्षमता में काफी वृद्धि होगी। इन सुरंगों का आकार भी खास होगा, जिसमें लंबाई 4.7 किलोमीटर, ऊंचाई 11 मीटर और चौड़ाई 10 मीटर होगी। यह योजना न केवल यात्रियों के लिए, बल्कि व्यापार और उद्योग के लिए भी बड़ी उपलब्धि साबित होगी।
डबल स्टैक कंटेनर तकनीक का लाभ
यह रेल कॉरिडोर डबल स्टैक कंटेनर तकनीक का उपयोग करेगा, जिससे भारी और बड़े आकार के कंटेनरों का परिवहन संभव हो सकेगा (Double Stack Container Technology). डबल स्टैक कंटेनरों के जरिए माल का परिवहन अधिक तेजी से किया जा सकेगा और रेलवे की क्षमता का अधिकतम उपयोग होगा। इस तकनीक का लाभ भारी उद्योगों और व्यापारिक गतिविधियों को मिलेगा, जिनके लिए बड़े आकार के माल का परिवहन बेहद जरूरी है।