सरकार ने 1.36 लाख लोगों को किया बीपीएल कोटे से बाहर, सरकारी कार्रवाई का ये है बड़ा कारण BPL Ration Card Holders

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BPL Ration Card Holders: हरियाणा में बीते नवंबर 2024 के आंकड़ों के अनुसार 34,000 बीपीएल कार्ड धारकों को इस श्रेणी से बाहर कर दिया गया है. औसतन हर कार्ड में चार सदस्य होने के आधार पर, यह संख्या लगभग 1.36 लाख लोगों की बनती है. बीपीएल श्रेणी से बाहर हुए इन लोगों पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं और सरकार की नीतियों को लेकर विधानसभा में बहस हुई है.

हरियाणा की बीपीएल आबादी के बदलते आंकड़े

हरियाणा की कुल आबादी 2.8 करोड़ है, जिसमें अक्तूबर 2024 तक 51.09 लाख बीपीएल कार्ड धारक (BPL population statistics) दर्ज किए गए थे. इसका मतलब है कि राज्य की करीब 70% आबादी बीपीएल श्रेणी में आती थी. लेकिन नवंबर 2024 में यह संख्या घटकर 50.75 लाख हो गई. इन आंकड़ों को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया है जिससे स्थिति और विवादास्पद हो गई है.

10 महीनों में 9 लाख नए बीपीएल कार्ड धारक

जनवरी 2024 से अक्तूबर 2024 तक बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या में 9 लाख (increase in BPL cards) की वृद्धि हुई. जनवरी 2022 में यह संख्या 27 लाख थी, जबकि दिसंबर 2023 तक यह 42 लाख हो गई. केवल जुलाई से अक्तूबर 2024 के चार महीनों में ही 4.84 लाख नए कार्ड धारक जुड़े. इससे पता चलता है कि बीपीएल कार्ड की श्रेणी में तेजी से लोग शामिल हो रहे हैं.

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बीपीएल कार्ड धारकों को मिलने वाली सुविधाएं

   

हरियाणा सरकार बीपीएल कार्ड धारकों (benefits for BPL families) को कई योजनाओं के तहत लाभ देती है. इनमें प्रमुख रूप से प्रति व्यक्ति 5 किलो मुफ्त अनाज, सस्ता सरसों का तेल और चीनी, उज्ज्वला योजना के तहत 500 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर, और चिरायु-आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपए का मुफ्त इलाज शामिल है. इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में 100 गज का प्लॉट भी दिया जाता है.

आय सीमा में वृद्धि से बढ़े बीपीएल कार्ड धारक

मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी ने विधानसभा में बताया कि सरकार ने बीपीएल कार्ड (BPL income limit Haryana) बनाने के लिए वार्षिक आय की सीमा 1.20 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.80 लाख रुपए कर दी है. इस बदलाव के कारण बीपीएल श्रेणी में आने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है. सरकार का मानना है कि इस कदम से गरीब परिवारों को आर्थिक मदद मिलेगी.

विपक्ष ने उठाए सवाल

विपक्ष ने बीपीएल श्रेणी के आंकड़ों (BPL data controversy) में बदलाव और इसकी प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इस वर्ग के आंकड़ों में हेरफेर किया है और वास्तविक जरूरतमंद लोगों को लाभ से वंचित रखा जा रहा है.

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बीपीएल कार्ड के लिए नई चुनौतियां

बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या में तेजी से बदलाव (challenges in BPL scheme) ने प्रशासन और जनता के बीच असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है. जहां एक ओर आय सीमा में वृद्धि ने अधिक लोगों को इस श्रेणी में शामिल किया, वहीं दूसरी ओर इस प्रक्रिया को लेकर पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं.

सरकार की सफाई

हरियाणा सरकार का कहना है कि बीपीएल कार्ड (future plans for BPL families) को लेकर उनकी प्राथमिकता पारदर्शिता और जरूरतमंदों तक सुविधाएं पहुंचाने की है. प्रशासन ने बीपीएल सूची को अपडेट करने के लिए व्यापक जांच अभियान शुरू करने की बात कही है.

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