Indian Railway: भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने नेताजी एक्सप्रेस (Kalka-Howrah-Kalka) को लेकर एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। यह ऐतिहासिक ट्रेन अब एलएचबी (Linke Hofmann Busch) कोच के साथ दौड़ेगी, जिससे यात्रियों को ज्यादा सुरक्षित और आरामदायक यात्रा अनुभव मिलेगा।
हावड़ा से 14 जुलाई और कालका से 16 जुलाई से यह ट्रेन 22 एलएचबी कोच के साथ संचालित होगी।
क्या होता है एलएचबी कोच और क्यों खास है यह ?
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, एलएचबी कोच को यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। ये कोच 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की क्षमता रखते हैं और ध्वनि, झटके और गर्मी से कम प्रभावित होते हैं। इन कोचों में बेहतर सीटिंग अरेंजमेंट, सस्पेंशन टेक्नोलॉजी, और आधुनिक ब्रेकिंग सिस्टम जैसे फीचर्स दिए गए हैं।
नेताजी एक्सप्रेस का गौरवशाली इतिहास
नेताजी एक्सप्रेस का इतिहास 158 साल पुराना है। इसे सबसे पहले कोलकाता से दिल्ली के बीच शुरू किया गया था और बाद में इसका विस्तार कालका तक किया गया। वर्षों में इसका कई बार नाम बदला गया, लेकिन यह ट्रेन हमेशा यात्रियों की पहली पसंद बनी रही है। यह ट्रेन पंजाब और बंगाल को जोड़ने का महत्वपूर्ण माध्यम मानी जाती है।
ट्रेन का समय और मार्ग
कालका से रवाना: रात 11:55 बजे
हावड़ा पहुंचने का समय: तीसरे दिन सुबह 8:05 बजे
हावड़ा से वापसी: रात 9:55 बजे
कालका आगमन: तीसरे दिन सुबह 3:00 बजे
नेताजी एक्सप्रेस के प्रमुख ठहराव
बर्धमान, दुर्गापुर, आसनसोल, धनबाद, गोमोह, पारसनाथ, हजारीबाग, कोडरमा, गया, अनुग्रह नारायण रोड, डेहरी, सासाराम, भभुआ, पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, मिर्जापुर, प्रयागराज, फतेहपुर, कानपुर सेंट्रल, फफुंद, इटावा, शिकोहाबाद, फिरोजाबाद, टूंडला, हाथरस, अलीगढ़, खुर्जा, गाजियाबाद, पुरानी दिल्ली, सब्जी मंडी, आदर्श नगर, सोनीपत, गनौर, समालखा, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला कैंट, चंडीगढ़ और चंडीमंदिर।
यात्रियों को क्या मिलेगा फायदा ?
- बेहतर यात्रा अनुभव
- अधिक सुरक्षा और स्थिरता
- साफ-सुथरा और आरामदायक इंटीरियर
- तेज रफ्तार से कम समय में यात्रा
रेलवे का यह फैसला ट्रेन यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है, खासकर उन यात्रियों के लिए जो लंबे सफर में सुविधा को प्राथमिकता देते हैं।